
हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पूरा देश श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही श्रद्धा और धूमधाम से मनाता है। इस दिन कान्हा के भक्त उपवास रखते हैं, बाल गोपाल का श्रृंगार करते हैं, पंचामृत से स्नान कराते हैं और माखन-मिश्री, तुलसी दल जैसे प्रिय भोग अर्पित करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा की कारागार में देवकी और वासुदेव के घर हुआ था।
इस वर्ष 2025 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त (शनिवार) को मनाई जा रही है। रात 12:04 बजे से 12:47 बजे तक पूजन का सबसे उत्तम समय रहेगा, जो कुल 43 मिनट का होगा। रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि का महासंयोग इस बार बेहद शुभ माना जा रहा है।
जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी।
शुभ पूजा मुहूर्त: 16 अगस्त को रात 12:04 AM से 12:47 AM तक (मात्र 43 मिनट)
चंद्रोदय: रात 11:32 बजे
मध्यरात्रि क्षण: 12:26 AM
“जिसने श्रीकृष्ण को उस रात जन्मते देखा, समझो उसने मोक्ष को देख लिया।”
Janmashtami Puja Vidhi: कैसे करें कान्हा को प्रसन्न?
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व्रत का संकल्प लें और स्नान के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें
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बाल गोपाल की मूर्ति को केसरयुक्त दूध व पंचामृत से स्नान कराएं
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पीले वस्त्र, मोरपंख, बांसुरी, मुकुट आदि से श्रृंगार करें
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माखन-मिश्री, धनिया पंजीरी और तुलसी दल से भोग लगाएं
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श्रीकृष्ण मंत्रों का जाप करें:
“ॐ क्लीं कृष्णाय नमः” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” -
दीपक, धूप, अगरबत्ती से आरती करें
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रात्रि 12 बजे झूला झुलाएं और आरती के साथ महोत्सव मनाएं
आपकी राशि के अनुसार कान्हा को करें खुश!
राशि | विशेष उपाय | मंत्र |
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मेष | लाल फूल अर्पित करें | ॐ गोविंदाय नमः |
वृषभ | सफेद वस्त्र, माखन-मिश्री | ॐ अनंताय नमः |
मिथुन | तुलसी माला अर्पण | ॐ अच्युताय नमः |
कर्क | खीर का भोग | ॐ माधवाय नमः |
सिंह | गुड़-चना भोग | ॐ वासुदेवाय नमः |
कन्या | हरे मूंग चढ़ाएं | ॐ आदित्याय नमः |
तुला | गुलाब/कमल अर्पित करें | ॐ बलभद्रप्रियनुजाय नमः |
वृश्चिक | अनार अर्पित करें | ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः |
धनु | बेसन लड्डू चढ़ाएं | ॐ मधुराकृतये नमः |
मकर | काले तिल का भोग | ॐ गोपगोपीश्वराय नमः |
कुंभ | जल से अभिषेक | ॐ गोपालाय नमः |
मीन | पीले फूल अर्पित करें | ॐ जगन्नाथाय नमः |
क्या करें और क्या न करें जन्माष्टमी पर?
करें:
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ब्रह्मचर्य का पालन करें
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फलाहार, दूध-दही लें
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श्रीकृष्ण को तुलसी के बिना भोग न लगाएं
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पूजा के बाद आरती और झूला अनिवार्य है
न करें:
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अन्न और नमक का सेवन
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तामसिक भोजन
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दिन में सोना
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काले वस्त्र न पहनें
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क्रोध, झगड़ा, अपशब्द से बचें
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श्रीकृष्ण चालीसा
महामंत्र:
“हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे… हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे…”
पूजन सामग्री लिस्ट
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श्रीकृष्ण मूर्ति, पीले वस्त्र, मुकुट, मोरपंख, बांसुरी
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केसर, दही, दूध, माखन, मिश्री
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तुलसी दल, फूल, अगरबत्ती, दीपक
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धनिया पंजीरी, झूला, श्रृंगार सामग्री
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गंगाजल, पंचामृत, कमलगट्टा, सुपारी
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बंदनवार, पान, नारियल, फल
Janmashtami केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भक्ति, प्रेम, अनुशासन और आत्मशुद्धि का एक अवसर है। 16 अगस्त की रात जब पूरी दुनिया सो रही होगी, तभी कान्हा चुपचाप आपके दिल में जन्म लेंगे — बस मन साफ रखिए और श्रद्धा से उनका स्वागत कीजिए।
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